अच्छी खबरः अंग्रेजी में कमजोर बच्चे भी अब आसानी से कर सकेंगे मेडिकल की पढ़ाई
स्वास्थ्य मंत्री डा धन सिंह रावत के निर्देशों पर चिकित्सा शिक्षा का हिन्दी पाठ्यक्रम तैयार करने को समिति गठित
हिन्दी पाठ्यक्रम अपनाने वाला देश का दूसरा राज्य होगा उत्तराखंड
देहरादून, प्रदेश में लंबे समय बाद चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में एक अच्छी खबर आई है। अब यहंा के राजकीय मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की पढ़ाई अंग्रेजी के साथ-साथ हिन्दी मीडियम में भी होगी। यह व्यवस्था मध्य प्रदेश सरकार द्वारा वहां के मेडिकल कॉलेजों में लागू हिन्दी मीडियम एमबीबीएस पाठ्यक्रम की तर्ज पर किया जाएगा।
प्रदेश के चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत ने बताया कि वर्तमान में केन्द्र सरकार द्वारा राष्ट्रभाषा हिन्दी को विशेष महत्व दिया जा रहा है। जिसके तहत न्यायपालिका सहित केन्द्र व राज्य सरकारों के सभी विभागों का कामकाज हिन्दी भाषा में किये जाने पर जोर दिया जा रहा है। यही नहीं शिक्षा के विभिन्न क्षेत्रों में भी अंग्रेजी के साथ-साथ हिन्दी भाषा में भी पाठ्यक्रम लागू किये जा रहे हैं।
यह बात भी सत्य है कि प्रदेश में अंग्रेजी पर छात्र छात्राओं का अधिपत्य अपेक्षाकृत बहुत कम है। खास तौर ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चे चिकित्सा शिक्षा में अंग्रेजी कमजोर होने के कारण भी आगे नहीं बढ़ पाते थे। डॉक्टरी की पढ़ाई कर रहे छात्र-छात्राओं की ओर से भी यह मांग समय-समय पर उठाई जाती रही। अब नए सत्र से एमबीबीएस की पढ़ाई अंग्रेजी के साथ-साथ हिन्दी माध्यम से भी कराने का निर्णय लिया है।
इसी के साथ ही उत्तराखंड हिन्दी मीडियम में एमबीबीएस की पढ़ाई हिन्दी में कराने वाला देश का दूसरा राज्य बन चुका है।
सच में यह खबर पहाड़ी युवाओं के लिए उत्साहित करने वाली है। तय है कि निकट भविष्य में इस कदम के परिणाम प्रदेश हित में और सुखद होंगे। इस पहल के लिए प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री डा धन सिंह निसंदेह ही साधुवाद के पात्र हैं।