’’ अपर जिलाधिकारी ने फूड सेफ्टी एक्ट के उल्लंधन पर तामिल किया जुर्माना’’
’’15 दिन में जुर्माना राशि जमा करने के दिये निर्देश’’
’’निर्धारित अवधि में जुर्माना जमा न करने की दशा में वैधानिक तरीके से वसूली की दी चेतावनी’’
अपर जिलाधिकारी गढ़वाल श्रीमती ईला गिरि ने चिकन मटन एवं मछली विक्रेता द्वारा स्लाटर हाउस उल्लंधन करने एवं असुरक्षित तरीके से खाद्य पदार्थ (मिल्क केक) का विक्रय करने के संबंध में फूड सेफ्टी विभाग द्वारा किये गये चालान और दर्ज किये गये वाद के संबंध में संबधिंत लोगों को नोटिस निर्गत करने, जुर्माने की निर्धारित राशि जमा करने तथा इस संबंध में अग्रिम दिशा-निर्देश जारी किये है।
खाद्य सुरक्षा अधिकारी श्रीनगर और पौड़ी द्वारा (दिनेश सिंह मौके पर मौजूद विक्रेता) पुत्र इन्द्र सिंह ग्राम त्रिपालीसैंण और इन्द्र सिंह पुत्र मंगसीर सिंह ग्राम त्रिपालीसैंण (प्रतिष्ठान स्वामी) के विरूद्ध खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम, 2006 के अन्तर्गत सुसंगत धाराओं में चालान और वाद की कार्यवाही की गयी थी।
इस संबंध में अपर जिलाधिकारी द्वारा संबधिंत लोगों को नोटिस निर्गत किया गया था जिसके प्रतिउŸार पश्चात अपर जिलाधिकारी ने दिनेश सिंह पुत्र इन्द्र सिंह पर 15 हजार रूपये एवं इन्द्र सिंह पुत्र मंगसीर सिंह (दोनों निवासी त्रिपालीसैंण) पर 30 हजार रूपये का अर्थदण्ड आरोपित किया। साथ ही निर्देशित किया कि प्रतिष्ठान का खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 के अन्तर्गत तत्काल पंजीकृत करना सुनिश्चित करें और चालान की धनराशि 15 दिवस के भीतर जमा करें अन्यथा भू-राजस्व के नियमानुसार चालान की धनराशि वसूल की जायेगी।
इसी तरह से अन्य मामलें में खाद्य सुरक्षा और अभिहित अधिकारी पौड़ी द्वारा बलवीर सिंह पुत्र राजपाल सिंह स्वीट शॉप देवप्रयाग मार्ग, खाड्यूसैंण पौड़ी के विरूद्ध असुरक्षित तरीके से मिल्क केक विक्रय के संबंध में खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 के तहत सुसंगत चालान किया गया था। अपर जिलाधिकारी गढ़वाल द्वारा संबंधित को नोटिस निर्गत किया गया था जिसका प्रति उŸार प्राप्त होने पश्चात पुनः अपर जिलाधिकारी द्वारा उक्त व्यक्ति के विरूद्ध 45 हजार रूपये का अर्थदण्ड आरोपित कर ऐसे कृत्य की पुनरावृति न करने के निर्देश दिये साथ ही 15 दिन की अवधि के भीतर उक्त चालान की धनराशि जमा करने को भी निर्देशित किया और चेतावनी दी कि यदि निर्धारित जुर्माना की धनराशि समय से जमा नही की जाती है तो भू-राजस्व वसूली की प्रक्रिया से वसूला जायेगी।