पौड़ी में डीएम ने राजस्व अधिकारियों को दिए सख्त निर्देश
जिलाधिकारी गढ़वाल डॉ. विजय कुमार जोगदण्डे की अध्यक्षता में आज कलैक्ट्रेट सभागार पौड़ी में राजस्व अमीन और तहसील में राजस्व संग्रह से जुड़े अधिकारियों व कार्मिकों का सक्षिप्त प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया ।
प्रषिक्षण कार्यक्रम में अपर जिलाधिकारी श्रीमती ईला गिरी और तहसीलदार श्रीनगर यशवीर सिंह द्वारा प्रजेन्टेषन के माध्यम से राजस्व अमीनों को राजस्व संग्रह नियमावली व मैनुअल के अन्तर्गत दिये गये प्रावधानों, निर्धारित किये गये प्रारूपों व प्रक्रियाओं की जानकारी दी गयी। प्रशिक्षण कार्यक्रम में राजस्व संग्रह और वसूली से जुड़े दस्तावेजों और पंजिकाओं को बनाने व उन्हें भरनेे की जानकारी दी गयी, साथ ही बताया गया कि निर्धारित प्रारूप के अनुरूप उसमें किस तरह से नियमानुसार कार्यवाही का व्यौरा दर्ज करना होता है, उसके मिलान से लेकर उच्च अधिकारियों, तहसील में कार्यरत रजिस्ट्रार कानूनगो, नायब तहसीलदार, तहसीलदार और उपजिलाधिकारी से उन कृत कार्यवाहियों के अनुपालन आख्या का सत्यापन करवाना है। साथ ही पंजिकाओं और रिकार्ड की कस्टोडियन सुरक्षा इत्यादि के बारे में भी जानकारी दी गयी।
प्रशिक्षण के दौरान तहसीलदार श्रीनगर यशवीर सिंह ने बताया कि राजस्व वसूली से सम्बधित पंजिकाओं के साथ-साथ दैनिक कार्य डायरी, फील्ड विजिट डायरी तथा इसी प्रकार मासिक, छमाही और वार्षिक डायरी व पंजिकाओं को किस तरह से भरा जाता है और उसमें दर्ज विवरण को अभिलेखों में किस तरह अंकित किया जाता है। प्रशिक्षण में बताया गया कि किस तरह के मामलों में आर.सी. (रिकवरी) की कार्यवाही की जा सकती है। रिकवरी अधिनियम 1972 और लोन अधिनियम के तहत रिकवरी के प्रावधानों को बताया गया है।
इस दौरान जिलाधिकारी डॉ0 जोगदण्डे ने बताया कि राजस्व संग्रह से जुड़े तहसील कार्मिकों को प्रषिक्षण देने का मकसद है कि उनके द्वारा तहसीलों के निरीक्षणों के दौरान पाया गया है कि राजस्व कार्मिक नियमों और प्रक्रियाओं की सही जानकारी न होने के चलते ना तो सही तरह से और सही समय पर राजस्व संग्रह कर पा रहें हैं, ना ही राजस्व संग्रह से सम्बधित पंजिकाओं, उसमें दर्ज की जाने वाली कार्यवाही, दैनिक डायरी और नियमानुसार कुर्की, गिरफतारी, एफआईआर दर्ज कर पा रहें हैं। कहा कि उन्होंने पाया है कि राजस्व संग्रहक तो नियमों से अनभिज्ञ हैं साथ ही रजिस्ट्रार कानूनगो, नायाब तहसीलदार और तहसीलदार भी राजस्व वसूली से जुड़ी पंजिकाओं का उस तरह से अवलोकन नही कर रहें हैं जैसा नियमानुसार करना चाहिए।
जिलाधिकारी ने सभी कार्मिकों को राजस्व वसूली से जुड़ी सभी तरह की पंजिकाएं बनवाने, उनको निर्धारित प्रारूपों के तहम भरने, उच्च अधिकारियों से सही प्रक्रिया और नियम से उसका मिलान और अनुपालन करवाने तथा रिकार्ड के ठीक व सुरक्षित रख-रखाव के निर्देष दिये।
उन्होंने सभी कार्मिकों को चेताया कि प्रषिक्षण के उपरान्त यदि प्रक्रिया और कार्य संस्कृति में यथोचित सुधार नही लाया गया व आगामी समय में इसी तरह की लापरवाही बनी रहती है तो गम्भीरता से लिया जायेगा तथा सम्बधित लापरवाह कार्मिक के विरूद्ध नियमानुसार विभागीय और वैधानिक कार्यवाही की जायेगी।