पौड़ी जनपद के दूरस्थ व जीवटता के लिए जाने जाने वाले राठ क्षेत्र से आज एक बेहद सुखद खबर आई है। यहां निरक्षता के काले घने अंधेरे में जी रही कलावती देवी, सत्या देवी, गोदांबरी देवी, पवेत्रा देवी,ष्यामा देवी, दर्षनी देवी, उर्मिला देवी, कल्पेष्वरी देवी, महेष्वरी देवी, मथुरा देवी, कपोत्री देवी, सिनदा देवी, आनंदी देवी, कांती देवी, लुमड़ी देवी, गीता देवी, बिगारी देवी, मूसी देवी, चगड सिंह, बिंदी देवी, कुंदन सिंह, कुआरी देवी, राखी देवी संपति देवी, भागीरथी देवी, शाखा देवी, कमला देवी आदि ने अब पढ़ना षुरू कर दिया है। अंधेरे से उजाले की ओर आ रहे यह उम्रदराज लोग इस अकल्पनीय कार्य की सार्थकता को लेकर कृतज्ञता जता रहे हैं।
बता दें कि श्रीनगर विधानसभा का राठ क्षेत्र नितांत दुरस्थ है। यहां का जनजीवन बेहद विकट है। लोगों में जीवटता तो यहां देखते ही बनती है। अपने परिश्रम के बूते यहां लोग मिट्टी से सोना उगलाने का माद्दा तो रखते हैं। लेकिन शिक्षा का प्रसार अपेक्षाकृत पहले के समय में यहां संभव नहीं हो सका, जिसका नतीजा यह है कि आज भी काला अक्षर भैंस बराबर की कहावत को चरितार्थ करने वालों की तादाद यहां सैकड़ों में है। शिक्षा का महत्व समझने व क्षेत्र का चहुंमुखी विकास चाहने वालों की नजरों में नैसर्गिक सौंदर्य संपन्नता भरे राठ क्षेत्र की खूबसूरती पर यह निरक्षता किसी बदनुमा दाग की तरह खटकती रही।
अब क्षेत्र के विधायक व प्रदेष के उच्च शिक्षा, सहकारिता, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री धन सिंह रावत ने क्षेत्र को साक्षर बनाने का बीड़ा उठाया और इसकी शुरुआत कर दी गई है। अब गांव के बुजुर्ग माथे पर चिंताएं नहीं बल्कि हाथों में कलम थामे विकास की नई इबारत लिख रहे हैं।
और अपने नेता की इन कोशिशों को लेकर उत्साहित हैं। उल्लासित हैं कि वह भी नए जमाने के साथ खड़े हो सकेंगे। वह भी अपने हस्ताक्षर कर सकती हैं, वह भी दीवार पर लिखे अक्षरों को पढ़ सकती हैं। सच में यह खबर उल्लास और उम्मीदों भरी है इसके लिए क्षेत्रीय विधायक और प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत जितनी तारीफ की जाए कम है।