मुख्य सेवक सदन में हुआ वाह्य सहायतित जायका परियोजना रू. 526 करोड़ की योजना का शुभारंभ
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की वर्चुअल उपस्थिति में मंत्री जोशी ने किया जायका परियोजना का शुभारंभ।
देहरादून, 20 दिसंबर। प्रदेश के कृषि एवं उद्यान मंत्री गणेश जोशी ने उद्यान विभाग द्वारा मंगलवार को मुख्यसेवक सदन में वाह्य सहायतित जायका परियोजना का शिलान्यास कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमे मुख्य अथिति के तौर पर प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वर्चुअल माध्यम से जुड़े । कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री प्रेम चंद्र अग्रवाल सहित जापान जायका के प्रतिनिधि ओर विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कृषि एवं उद्यान मंत्री गणेश जोशी ओर वित मंत्री प्रेम चंद्र अग्रवाल की उपस्थिति में वाह्य सहायतित जायका परियोजना रू. 526 करोड़ की योजना का शुभारंभ किया।
इस अवसर पर सीएम पुष्कर सिंह धामी ने बधाई एवं शुभकामनाएं दी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा इस योजना के माध्यम से प्रदेश में वानिकी, औद्यानिकी को बढ़ावा मिलेगा यह योजना राज्य के लिए मिल का पत्थर साबित होगा। वही मंत्री गणेश जोशी ने अपने संबोधन में सबसे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं केंद्रीय कृषि मंत्री का आभार व्यक्त किया। मंत्री जोशी ने कहा प्रधानमंत्री जी के कुशल निर्देश/नेतृत्व में भारतवर्ष के साथ-साथ उत्तराखण्ड राज्य में भी औद्यानिकी विकास को बढ़ावा दिया जा रहा है। मंत्री जोशी ने मुख्यमंत्री का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए उन्होंने कहा आज मुख्यमंत्री जी के निर्देशन में उत्तराखण्ड राज्य में औद्यानिक का समग्र विकास करते हुए कास्तकारों की आय में गुणात्मक वृद्धि हेतु महत्वपूर्ण कार्यक्रम संचालित करने व वाह्य सहायतित जायका परियोजना का शुभारम्भ करने के साथ-साथ विभिन्न योजनाओं के अन्तर्गत देय राजसहायता की धनराशि में भी वृद्धि की जा रही है।
मंत्री जोशी ने कहा उत्तराखण्ड राज्य की भौगोलिक परिस्थितियाॅ एवं कृषि जलवायु विभिन्न कृषि एवं औद्यानिक फसलों के उत्पादन हेतु अत्यधिक अनुकूल हैं। राज्य के तराई/भावर क्षेत्रों में खाद्यान्न उत्पादन की दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं, वहीं राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में औद्यानिकी के विकास की अपार सम्भावनाए विद्यमान हैं। राज्य में खाद्य एवं पोषण सुरक्षा तथा पर्वतीय क्षेत्रों की जनता की आर्थिकी के दृष्टिगत कृषि व औद्यानिक फसलों की अहम भूमिका है। साथ ही पर्वतीय क्षेत्रों की जनसंख्या के रोजगार के मुख्य साधन कृषि एवं औद्यानिकी पर आधारित है। जलवायु परिवर्तन, प्राकृतिक संसाधनों की क्षति तथा खाद्य व ऊर्जा संकट के कारण कृषि एवं औद्यानिकी के समग्र विकास में विभिन्न चुनौतियों का भी सामना करना पड़ रहा है। इसको दृष्टिगत रखते हुए हमारी सरकार द्वारा प्रदेश में कृषि एवं औद्यानिकी के विकास हेतु कृषि-औद्यानिकी दृष्टि पत्र तैयार किया गया है, जिसके क्रियान्वयन की जनपद स्तर पर कार्यवाही प्रारम्भ कर दी गयी है। वर्तमान में उत्तराखण्ड में औद्यानिकी के अन्तर्गत आच्छादित 2.97 लाख है0 क्षेत्रफल में 17.72 लाख मै0टन उत्पादन किया जा रहा है। सशक्त उत्तराखण्ड /25 के अन्तर्गत विभाग द्वारा वर्ष 2024-25 तक औद्यानिकी के अन्तर्गत 3.45 लाख है0 क्षेत्रफल में 22.517 लाख मै0टन उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है।
मंत्री जोशी ने कहा बागवानी के समग्र विकास हेतु जापान के सहयोग से बाह्य सहायतित परियोजना जायका योजनान्तर्गत रू0 251.71 करोड़ के प्रस्तावित परिव्यय में विशेष प्रयासों के फलस्वरूप दोगुना से अधिक वृद्वि करते हुए रू0 526.00 करोड़ स्वीकृत कराया गया है। प्रदेश की विविधतापूर्ण कृषि जलवायु एवं भौगोलिक परिस्थितियाॅ औद्यानिक फसलों के उत्पादन हेतु अत्यधिक अनुकूल है। विविध जलवायु के फलस्वरूप प्रदेश में समशीतोष्ण एवं शीतोष्ण फसलों का उत्पादन किया जाता है। इस हेतु जापान अन्तर्राष्ट्रीय सहयोग एजेन्सी (जायका) के वित्तीय सहयोग से यह परियोजना प्रदेश के 04 जनपदों (टिहरी, उत्तरकाशी, पिथौरागढ़ एवं नैनीताल) में संचालित की जायेगी। इसके अन्तर्गत जलवायु परिवर्तन के प्रभावों का अध्ययन कर इनके प्रभावों को कम करने हेतु जलवायु के अनुरूप औद्यानिक फसलों एवं तकनीकों का समावेश करते हुए उत्पादन एवं उत्पादकता में वृद्धि की जा सकेगी।