जिलाधिकारी ने ली पीएम विश्वकर्मा की जिला स्तरीय क्रियान्वयन समिति की बैठक
जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान की अध्यक्षता में पीएम विश्वकर्मा योजना के अंतर्गत जिलास्तरीय क्रियान्वयन समिति की बैठक आयोजित हुई। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को सख्त निर्देश दिये कि ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में जो आवेदन लंबित हैं उनका निस्तारण करना सुनिश्चित करें
आयोजित बैठक में नगर निगम कोटद्वार, विकासखंड यमकेश्वर, रिखणीखाल व द्वारीखाल के स्तर पर अधिक आवेदन लंबित होने पर जिलाधिकारी ने नाराजगी जताते हुए चारों अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि तय समय के भीतर लंबित आवेदनों को स्वीकृत करना सुनिश्चित करें। नगर निगम कोटद्वार के स्तर से स्टेज-1 में 21 आवेदन लंबित व ग्रामीण क्षेत्र में विकासखंड द्वारीखाल
स्तर पर 33, रिखणीखाल 13, जबकि विकासखंड यमकेश्वर के स्तर पर 11 आवेदन लंबित हैं। उन्होंने कहा कि योजना के तहत प्राप्त आवेदनों का त्वरित गति से निष्पादन किया जाए, ताकि अधिक से अधिक लोगों को इसका लाभ मिल सके। उन्होंने सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे योजना के क्रियान्वयन में तत्परता दिखाएं और यह सुनिश्चित करें कि कोई भी पात्र लाभार्थी इससे वंचित न रहे।
बैठक में महाप्रबंधक उद्योग ने बताया गया कि जनपद में 476 आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिसमें शहरी क्षेत्र के लिए 281 व ग्रामीण क्षेत्र में 195 आवेदन शामिल हैं। बताया कि भारत सरकार द्वारा सम्पूर्ण देश में पारम्परिक कारीगरों तथा शिल्पकारों के उत्थान के लिये पी.एम. विश्वकर्मा योजना लागू की गई। इस योजना में 18 व्यवसायों में कार्यरत पारम्परिक कारीगर/शिल्पकार, जिनमें कापेन्टर, राजमिस्त्री, लोहार, सुनार, कुम्हार, मूर्तिकार, बास्केट मेकर, डॉल मेकर, बारबर, मालाकार, धोबी, दर्जी, फिसिंग नेट मेकर, लैदर वर्क, बोट मेकर वर्क, अस्त्रकार, तालाकार आदि शामिल है। योजना में सांस्कृक्तिक विरासत को संरक्षित करने एवं उन्हें औपचारिक अर्थव्यवस्था व वैश्विक मूल्य श्रृंखला में एकीकृत करने पर ध्यान दिया गया है।
बैठक में अपर जिलाधिकारी अनिल सिंह गर्ब्याल, जिला विकास अधिकारी मनविंदर कौर, नगर आयुक्त वैभव गुप्ता, महाप्रबंधक उद्योग सोमनाथ गर्ग व संबंधित खंड विकास अधिकारी उपस्थित थे।