जिलाधिकारी डॉ0 विजय कुमार जोगदण्डे की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में आज आपदा प्रबंधन की बैठक आयोजित हुई। बैठक में आपदा की दृष्टिगत आईआरएस सिस्टम में विभिन्न अधिकारियों की क्या भूमिका है उसके संबंध में विस्तृत चर्चा की गयी। जिलाधिकारी ने समस्त अधिकारियों को निर्देशित किया कि आपदा संबंधित सही डाटा उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। उन्होंने नगर पालिका ईओ निर्देशित किया कि जर्जर भवन पर नोटिस चस्पा तथा नालों की साफ-सफाई करना सुनिश्चित करें। साथ ही उन्होंने लोक निर्माण विभाग को निर्देशित किया कि जेसीबी मशीनों की संख्या, उन्हें जिस स्थान पर तैनात तथा जेसीबी संचालकों के फोन नम्बरों की सूची भी उपलब्ध कराएं। कहा कि सड़कों में बरसाती पानी जमा न हो इसका विशेष ध्यान दें। बैठक में जल निगम, मत्स्य, विद्युत, एनएच धुमाकोट तथा पशुपालन विभाग अनुपस्थित रहने पर जिलाधिकारी ने संबंधित अधिकारी को स्पष्टीकरण लेने के निर्देश दिये।
जिलाधिकारी ने आपदा दृष्टिगत को लेकर लोक निर्माण विभाग के अधिकारी को निर्देशित किया कि जनपद के अंतर्गत जिन पूलों पर खामियां हैं उनकी रिपोर्ट उपलब्ध कराएं, जिससे समय से पूर्व वहां कार्य किया जा सकेगा। कहा कि सड़कों के किनारे नालियों की सफाई का कार्य जल्द पूर्ण करना सुनिश्चित करें। साथ ही उन्होंने कहा कि जहां हेलीपेड हैं उनका आकार की रिपोर्ट उपलब्ध कराएं। इस दौरान उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को निर्देशित किया कि एंबुलेंस, ऑक्सीजन प्लांट, समस्त सीएचसी में सुविधाएं, एक्सरे मशीन सहित अन्य का विवरण प्रस्तुत करने को कहा। साथ ही उन्होंने सिंचाई विभाग को निर्देशित किया कि श्रीनगर व कोटद्वार में बाड़ चौकी स्थापित करें तथा डिस्प्ले बोर्ड में उसकी सारी जानकारी चस्पा करें। जिससे आवागमन करने वाले लोगों को जल स्तर की जानकारी मिल सकेगी तथा वह नदियों के किनारे जाने से खुद को रोक पाऐंगे। इस दौरान उन्होंने उप जिलाधिकारी को निर्देशित किया कि हर सप्ताह डैम अधिकारी व सिंचाई अधिकारियों के साथ जल स्तर से संबंधित बैठक करें तथा जल स्तर की जानकारी बाजारों के सार्वजनिक स्थानों में चस्पा करें। इस दौरान उन्होंने संबंधित अधिकारी को निर्देशित किया कि सभी ग्राम पंचायतों में जीएस-पीएस फोन में रिचार्ज करवाएं तथा उसके लिए बीडीओ को नामित करें। उन्होंने पुलिस अधिकारी को निर्देशित किया कि सभी थानों में आपदा उपकरणों का सत्यापन कर उसकी रिपोर्ट उपलब्ध कराएं। कहा कि जनपद स्तर व तहसील स्तर पर आपदा कंट्रोल रूम स्थापित करें तथा अलग-अलग सिफ्ट में कार्मिकों को तैनात करें। नगर पालिका को निर्देशित किया कि जर्जर भवनों पर बड़े अक्षरों में पेंट के माध्यम से नोटिस चस्पा करें तथा नालों की साफ-सफाई करें व उसकी रिपोर्ट एक सप्ताह के भीतर प्रस्तुत करना सुनिश्चित करें। खाद्य विभाग को निर्देशित किया कि आपदा के समय भोजन के पैकेट जनपद व तहसील स्तर पर तैयार रखें। साथ ही उन्होंने कहा कि राशन को समय से डीलरों तक पहुंचाए। आपदा अधिकारी को निर्देशित किया कि आपदा संबंधित प्रतिदिन का डाटा एनआईसी वेबसाइट पर अपलोड करें। इसके अलावा उन्होंने कहा कि समस्त तहसीलों में 684 व्यक्तियों को आपदा संबंधित ट्रेनिंग दी गई है, जिससे आपदा से समय पर उनकी मदद भी ली जा सकेगी।
इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी प्रशांत कुमार आर्य, अपर जिलाधिकारी ईला गिरी, जिला विकास अधिकारी पुष्पेंद्र चौहान, एसडीएम श्रीनगर अजयबीर सिंह, चौबट्टाखाल संदीप कुमार, सीओ प्रेम लाल टम्टा, मुख्य शिक्षाधिकारी आनंद भारद्वाज, ईओ प्रदीप बिष्ट, कृषि अधिकारी अमरेंद्र चौधरी, आरटीओ अनिता चंद, आपदा अधिकारी दिपेश काला सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
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