व्यय प्रेक्षक उमाशंकर प्रसाद( आईआरएस) ने कलेक्ट्रेट सभागार में प्रत्याशियों के प्रतिनिधियों और सहायक व्यय प्रेक्षक के साथ बैठक की। उन्होंने कहा कि व्यय लेखा रजिस्टर को व्यवस्थित करना जरूरी है। इस अवसर पर समस्त प्रत्याशियों के लेखाओं का मिलान किया गया।
आयोजित बैठक में व्यय प्रेक्षक ने कहा कि नामांकन की तिथि के बाद से हर दिन का लेखा-जोखा, कैश बुक और बैंक की पासबुक का नियमित रूप से रख-रखाव होना चाहिए। नामांकन की तिथि के बाद प्रत्याशी के खर्च जुड़ेंगे। उन्होंने कहा कि कोई भी प्रत्याशी चुनावी खर्च में 10 हजार रुपये से अधिक नकद भुगतान नहीं कर सकता है। इससे अधिक का भुगतान केवल चेक, बैंक ड्राफ्ट या ऑनलाइन तरीके से किया जा सकता है। कहा परिणाम घोषणा के 30 दिन के भीतर प्रत्याशी को चुनावी खर्च का पूरा ब्योरा निर्वाचन आयोग के समक्ष प्रस्तुत करना होगा।
व्यय प्रेक्षक ने समस्त प्रत्याशियों/अधिकृत एजेंट को लेखा को सही तरीके से बनाने को कहा। साथ ही उन्होंने 14 विधानसभाओं के सहायक व्यय प्रेक्षकों को बिल बाउचर को व्यवस्थित करने के निर्देश भी दिए। उन्होंने सहायक व्यय प्रेक्षकों को प्रत्याशियों के चुनाव में हो रहे खर्च का नियमित मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए हैं। अगला लेखा मिलान 12 अप्रैल को किया जायेगा।
बैठक में मुख्य कोषाधिकारी गिरीश चंद्र, एमसीएमसी नोडल अधिकारी मनीष मित्तल, सहायक नोडल अधिकारी वीरेंद्र सिंह राणा सहित सहायक व्यय प्रेक्षक व राजनैतिक पार्टी के पदाधिकारी उपस्थित थे।