खाद्य, नागरिक आपूति एवं उपभोक्ता मामले मंत्री रेखा आर्या द्वारा राज्य में आगामी खरीफ-खरीद सत्र 2023-24 हेतु जो कि दिनांक 01 अक्टूबर 2023 से प्रारम्भ होगा, के सम्बन्ध में सम्बंधित विभागीय अधिकारियों/क्रय संस्थाओं/चावल मिलर्स एसोसिएशन की बैठक आहूत की गयी।
बैठक में सर्वप्रथम कृषकों को भारत सरकार द्वारा निर्धारित धान के अनुमन्य न्यूनतम समर्थन मूल्य ₹ 2183/कुन्तल (धान कॉमन) एवं ₹ 2203/- प्रति कुन्तल (धान ग्रेड-ए) से अवगत कराया गया जो कि पूर्व सत्र 2022-23 से ₹ 143 अधिक है। इसके अतिरिक्त भारत सरकार द्वारा खरीफ-खरीद सत्र 2023-24 हेतु 01.10.2023 से दिनांक 31.12.2023 तक कुल 03 माह की समयावधि निर्धारित की गयी है। साथ ही यह भी अवगत कराया गया कि भारत सरकार द्वारा राज्य को धान क्रय लक्ष्य 8.30 लाख मीट्रिक टन निर्धारित किया गया है। साथ ही खाद्य विभाग, उत्तराखण्ड राज्य सहकारी संघ लि. एन०सी०सी०एफ०, यू०पी०सी०यू०, यू०सी०सी०एफ० एवं कच्चा आढतियों को क्रय संस्था नामित किया गया है जिनके लगभग 875 क्रय केन्द्र संचालित किये जायेंगे जो कि गत सत्र से लगभग 17 क्रय केन्द्र अधिक है।
इसके अतिरिक्त खरीफ-खरीद सत्र 2023-24 के अन्तर्गत रागी (मण्डुवा) का भी क्रय किया जाना है। भारत सरकार द्वारा राज्य हेतु 0.100 लाख मी0टन का क्रय लक्ष्य निर्धारित किया गया है जिसका न्यूनतम समर्थन मूल्य ₹ 3846/कुन्तल निर्धारित किया गया है जो कि गत सत्र से रुपये 268 अधिक है। मण्डुवा का क्रय उत्तराखण्ड राज्य सहकारी संघ लि0 द्वारा पर्वतीय जनपदों में संचालित क्रय केन्द्रों के माध्यम से किया जायेगा। पूर्व सत्र में पायलेट आधार पर मात्र जनपद ऊधमसिंहनगर एवं नैनीताल के राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के लाभार्थियों को 01 कि०ग्रा० प्रति कार्ड के आधार पर मण्डुवा का वितरण किया गया है जिसे आगामी सत्र में समस्त जनपदों के राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के लाभार्थियों को वितरण किया जाना प्रस्तावित है।
क्रय संस्थाओं को धान खरीद से सम्बन्धित समस्त औपचारिकताएं दिनांक 25.09.2023 तक अनिवार्यतः पूर्ण करने तथा दिनांक 01.10.2023 से क्रय केन्द्र विधिवत रूप से संचालित करने के स्पष्ट निर्देश दिये गये। मंत्री द्वारा कृषकों की उपज का न्यूनतम समर्थन मूल्य यथासम्भव 72 घण्टे के अन्दर ऑनलाईन कृषकों के बैंक खाते में दिये जाने के निर्देश दिये गये हैं। मंत्री द्वारा निर्देश दिये गये कि समस्त कृषकों का पंजीकरण तथा भू-लेख से सत्यापन के उपरान्त धान क्रय किया जाय। साथ ही मंत्री द्वारा स्पष्ट निर्देश दिये गये कि आगामी खरीफ-खरीद सत्र 2023-24 में कृषकों के समक्ष किसी प्रकार की कठिनाईयां उत्पन्न न हों।