Slider

गा्रम पंचायत वर्ष 2022-23 का मॉडल प्लान तैयार करने हेतु बैठक

 

देहरादूनः जिला पंचायत सभागार देहरादून में मा उपाध्यक्ष जिला पंचायत श्याम पुण्डीर की अध्यक्षता में जनपद की जिला पंचायत क्षेत्र पचायत तथा गा्रम पंचायत का वर्ष 2022-23 हेतु मॉडल प्लान तैयार करने के सम्बन्ध में जिला पंचायत नियोजन समिति की बैठक आयेजित की गयी।
सेन्टर फॉर पब्लिक पॉलिसी एण्ड गुड गवर्नेंस (सीपीपीजीजी) नियोजन विभाग के मार्गदर्शन में तैयार किये जाने वाले प्लान में मा0 जिला पंचायत सदस्यों द्वारा सीपीपीजी के ट्रेनरों द्वारा तथा विभिन्न विभागो ंके अधिकारियों द्वारा तीनों स्तर की पंचायतों हेतु मॉडल प्लान बनाने पर व्यापक विचार-विमर्श किया गया। परिचर्चा का केन्द्र बिन्दु यह था कि संविधान की ग्यारहवीं अनुसूची के अन्तर्गत त्रिस्तरीय पचायतों हेतु चिन्हित 29 विषयों के नियोजन, यथावत क्रियान्वयन तथा उनका बेहतर अनुश्रवण कैसे किया जाय।
बैठक में सीपीपीजीजी (सेन्टर फॉर पब्लिक पॉलिसी एण्ड गुड गवर्नेस) की टीम के एसीईओ डॉ मनोज कुमार पंत, एसडीजी (सतत् विकास लक्ष्य) एक्सपर्ट करूनकर सिंह, अजय कुमार और डिजास्टर मैनेजमेंट स्पेशलिस्ट राजन कुमार बोराह द्वारा प्रजेन्टेशन के माध्यम से उपस्थित सदस्यों और विभागों के द्वारा बनाये जाने वाले मॉडल प्लान का विवरण बताते हुए मॉडल प्लान बनाते समय 17 एसडीजी (सतत् विकास लक्ष्यों) को समाहित करते हुए विभिन्न योजनाओं के कन्वर्जेंस और विभागों के आपसी तालमेल से कैसे बेहतर विकास लक्ष्य प्राप्त किये जा सकते हैं इस पर प्रकाश डाला गया। साथ ही उपस्थित मा सदस्यों से बेहतर विकास हेतु सुझाव आमंत्रित करते हुए सम्बन्धित विभाग को अमलीजामा पहनाने हेतु विभागीय प्लान, बजट चुनौतियों के निस्तारण इत्यादि पर फोकस किया गया। सीपीपीजीजी के सदस्यों ने बताया कि 29 विषयों को ध्यान में रखते हएु सत्त विकास के लक्ष्यों को पाने हेतु मॉडल प्लान तैयार किया जाना है, जिसके लिए राज्य में 2 जिला पंचायतों देहरादून और टिहरी का चयन किया गया है। इन पंचायतों में मॉडल प्लान बनाने के पश्चात अन्य जिला पंचायतें भी इनका अनुसरण करेंगी।
इस दौरान मा जिला पंचायत सदस्यों ने भी अपने बहुमूल्य सुझाव साझा किये। मा0 सदस्यों ने अवगत कराया कि विभागों को विकास कार्यों में सभी सदस्यों के प्रस्तावों को भी प्राथमिकता से शामिल करते हुए विकास कार्यों में उनको भी विश्वास में लेकर कार्य करना चाहिए। सदस्यों ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि सरकारी योजनाओं के तहत् वित्तीय सहायता में कुछ चुनिंदा स्वयं सहायता समूहों को ही अनेक बार सरकारी योजनाओं के अन्तर्गत लाभान्वित किया जाता है जबकि कुछ स्वयं सहायता समूहों को ना के बराबर सरकारी योजनाओं के अन्तर्गत सहायता मिल रही है। इस गैप को दूर करने के लिए सभी सदस्यों ने ध्वनिमत से प्रस्ताव पास किया कि स्वंय सहायता समूहां को सरकारी योजना के तहत् आर्थिक सहायता और योजनाओं के लाभ में वित्तीय सहायता की उच्चतम् और न्यूनतम सीमा तय की जाय ताकि सभी को सरकारी सहायता सन्तुलित रूप से मिल सके। साथ ही जोर दिया गया कि जो स्वयं सहायता समूह सरकारी सहायता लेकर विकास कार्यों को अमलीजामा पहनाने में उतने सक्षम नहीं है उनकी पहचान करते हुए उस पर विशेष फोकस किया जाय और उनकी क्षमता बढ़ाने हेतु प्रशिक्षण दिया जाय।
इस दौरान बैठक में उपाध्यक्ष जिला पंचायत श्याम सिंह पुण्डीर, एसीईओ सीपीपीजीजी मनोज कुमार पंत, एसडीजी एक्सपर्ट करूनकरन सिंह, अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिला पंचायत राजीव कुमार त्रिपाटी, जिला विकास अधिकारी सुशील मोहन डोभाल, कन्सल्टेंट सीपीपीजीजी अजय कुमार सहित विभिन्न जिला पंचायत सदस्य, ब्लॉक प्रमुख, सरकारी विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *